VRS FULL FORM IN HINDI – जानिए क्या है VRS 2023, पूरी जानकारी

VRS Full Form in Hindi, VRS Ka Pura Naam Kya Hai, VRS क्या है, VRS Ka Full Form Kya Hai, VRS का Full Form क्या है,  VRS meaning, VRS क्या क्या कार्य होता है। इन सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में दिया जाएगा।

दोस्तों! VRS का नाम तो आपने पहले भी सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि VRS full form in Hindi क्या है? यदि नहीं तो VRS के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह आमतौर पर लोगों द्वारा किसी कम्पनी या संस्थान में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हैं जो आपकी कम्पनी में काम करते वक्त काफी मदद कर सकते हैं। यदि आप अब तक नहीं जानते कि VRS full form in Hindi क्या है तो हम आपके लिए इस आर्टिकल में VRS full form in Hindi के साथ-साथ इससे जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप इसके बारे में सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको VRS full form क्या होता है?, VRS का क्या मतलब है?, VRS से जुड़े नियम क्या हैं? जैसी सभी जानकारियां बताने वाले हैं। इसे जानने के लिए आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें क्योंकि यहां हमने VRS full information in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है। VRS के अंतर्गत आने वाली हर बात और कार्य यहां निम्नलिखित हैं –

Contents

1. VRS का फुल फॉर्म क्या है?( VRS Full Form in Hindi) 

सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि VRS का पूरा नाम या फुल फॉर्म Voluntary Retirement Scheme है, जिसे लोग हिन्दी की भाषा में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भी कहते हैं। VRS को गोल्डन हैंड शेक (Golden Hand Shake) भी कहा जाता है। इसके बारे में केवल इतनी ही जानकारी नहीं बल्कि इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध है,

जिसे आप इंटरनेट के माध्यम से सर्च कर सकते हैं लेकिन हमारे आर्टिकल में इसकी पूरी जानकारी आपको प्राप्त होगी और आपको इसकी जानकारी के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां।

2. VRS क्या है? (What is VRS in Hindi?)

VRS यानि Voluntary Retirement Scheme के बारे में आपको सबसे अधिक किसी कम्पनी या सरकारी संस्थानों में सुनने को मिलेगा। किसी कम्पनी या सरकारी संस्थानों किसी पुराने कर्मचारी के निकालने की पद्धति को VRS यानि Voluntary Retirement Scheme कहते हैं। जब किसी कम्पनी में अधिक कर्मचारी हो जाते है तो पुराने कर्मचारियों को रिटायरमेंट या सेवा निवृत्ति दे कर नए कर्मचारियों को लाने के लिए पुराने कर्मचारियों को VRS दिया जाता है। इसीलिए VRS शब्द का इस्तेमाल किसी कर्मचारी को निकालते या रिटायर करते वक्त इस्तेमाल करने वाला शब्द है।

किसी ने कर्मचारी के संस्थान से निकलते वक्त इस VRS shabd का प्रयोग नहीं के सकते हैं। VRS एक विधि के मुताबिक चलने वाला कार्य है जिसकी मदद से कोई कम्पनी या सरकारी संस्थान अपने यहां काम के रहे किसी पुराने कर्मचारी को हटा कर यानि निवृत्ति दे कर नए कर्मचारियों को काम पर रख सकती है। यह संस्थानों से कर्मचारियों को हटाने का सबसे सही और सरल तरीका है जिसकी मदद से कर्मचारियों की संख्या और काम को नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है।

3. VRS किसे मिलती है? (Who gets VRS in Hindi?)

इस संबंध में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के तौर पर हम आपको बता दें कि VRS मुख्य रूप से किसी संस्थान के कर्मचारी और उसके काम से जुड़ा होता है। वह कर्मचारी सरकारी, गैर सरकारी या किसी भी निजी संस्थान का हो सकता है। VRS यानि Voluntary Retirement Scheme उस व्यक्ति को मिलती है जो अपने कार्यालय या संस्थान में 20 से 30 साल का सेवा प्रदान कर चुका हो। वैसे व्यक्ति को कम्पनी या संस्थान उसके आवश्यकता अनुसार सेवा निवृत्त यानि रिटायरमेंट दे सकता है। इस VRS के फायदे केवल पुराने कर्मचारियों को ही मिल सकता है।

4. VRS के क्या नियम होते हैं? (What are the rules of VRS?)

सरकारी संस्थान या निजी क्षेत्र में कई ऐसे नियम होते हैं जिसके अंतर्गत VRS यानि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को लागू किया जाता है। यहां हम आपको VRS से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण नियम बताने जा रहे हैं। VRS नियम निम्नलिखित हैं –

– जो व्यक्ति किसी सरकारी संस्थान या गैर सरकारी यानि निजी संस्थान से जुड़ा हो, उसी व्यक्ति पर VRS का नियम लागू होता है या वैसे ही व्यक्ति को VRS दिया जाता है।

– VRS मिलने वाले व्यक्ति की उम्र निर्धारित नहीं होती है लेकिन उस व्यक्ति को VRS मिलते वक्त उसकी उम्र 50 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

– VRS मिलने वाले व्यक्ति को कम से कम 20 साल की सेवा उस सरकारी या निजी संस्थान में देने पड़ते हैं जहां से उसे VRS मिलने वाला है। 20 साल से कम सेवा देने वाले व्यक्ति पर VRS के नियम लागू नहीं किए जाते हैं।

– VRS के फायदे या नियम केवल उन कर्मचारियों पर ही लागू होते हैं जो स्थायी, अस्थायी या बदली किए हुए कर्मचारी होंगे। यह VRS के नियम आकस्मिक कर्मचारियों पर लागू नहीं किया जाता है।

– VRS के कारण खाली हुए रिक्त स्थानों में किसी ने कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की जाती है।

– VRS नियम के तहत यदि कोई व्यक्ति 20 साल की सेवा देने के बाद कभी अपने स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति होना चाहे तो उसे अपने संस्थान या क्षेत्र में तीन महीने पहले ही अपनी सेवानिवृत्ति की जानकारी नोटिस के जरिए देनी पड़ती है।

5. VRS को कब लागू किया जाता है? (When is VRS implemented in Hindi?)

अब तक आपने इसके संबंध में जो कुछ भी जाना वह काफी है लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसी जानकारियां हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा। यूं तो VRS का इस्तेमाल रिटायरमेंट के समय किया जाता है लेकिन कई बार संस्थानों में ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब VRS का इस्तेमाल करना अनिवार्य हो जाता है। हम आपको ऐसी ही कुछ परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं जब VRS का इस्तेमाल किया जाता है।

यदि किसी कम्पनी, सरकारी या गैर सरकारी और निजी क्षेत्रों के व्यापार में किसी प्रकार की मंदी या नुकसान हो रहा हो तो इस VRS का इस्तेमाल किया जाता है। व्यापार की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कंपीटिशन में सुधार लाने के लिए VRS का प्रयोग किया जाता है। पुराने तरीके से उद्योग या संस्थान को चलाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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