EVS FULL FORM IN HINDI – जानिए क्या है EVS, पूरी जानकारी

EVS Full Form in Hindi, EVS Ka Pura Naam Kya Hai, EVS क्या है, EVS Ka Full Form Kya Hai, EVS का Full Form क्या है,  EVS meaning, EVS क्या क्या कार्य होता है।आज इन सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में दिया जाएगा।

दोस्तों! यदि आप जानना चाहते हैं कि EVS full form in Hindi क्या है और इसके बारे में जानने के लिए काफी उत्साहित हैं तो हम आपके लिए एक बेहतरीन आर्टिकल लेकर आए हैं जिसमें EVS full form in Hindi के साथ-साथ इसकी सभी जानकारी लेकर हम उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी मदद से आप EVS के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

EVS full form क्या होता है? इसे जानने के लिए बेहद जरूरी है कि EVS full information in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है। EVS के अंतर्गत हम निम्नलिखित बातें बताने वाले हैं –

1. EVS का फुल फॉर्म क्या है? (Full Form Of EVS in Hindi)

2. EVS क्या है? (What Is EVS in Hindi?)

3. EVS के अंतर्गत पढ़ाए जाने वाले विषय कौन कौन से हैं? (What are the subjects taught under EVS in Hindi?)

4. EVS में पर्यावरण की भूमिका का उल्लेख (The role of environment in EVS in Hindi)

यदि आप  EVS Hindi के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यूं समझिए कि आपकी तलाश खत्म हुई। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको EVS का Full Form हिंदी में बताने वाले हैं और हम इसमें बताने वाले हैं कि EVS से हमें किस तरह की जानकारी प्राप्त होती है और इसमें किन-किन विषयों की पढ़ाई की जाती है।

1. EVS का फुल फॉर्म क्या है? (EVS FULL FORM IN HINDI)

EVS का फुल फॉर्म environmental studies और environmental science होता है। environment को हिंदी में पर्यावरण कहते हैं। पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ है। “परी” जो हमारे चारों ओर उपस्थित है,”आवरण” यह हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं । पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है,

चारों ओर से घीरे हुए।    पर्यावरण का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। प्रकृति या पर्यावरण के बिना जीवन की कामना करना भी असंभव है। जल, थल, वायु, अग्नि और आकाश इन पांच तत्व से ही मनुष्य जीवित रह पा रहा है तथा जीवन समाप्त होने पर इन्हीं पांच तत्व में विलीन हो जाता है। पर्यावरण भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारको की एक समस्तीगत इकाई है, जो सभी जीवधारी और पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं और साथ ही साथ उनके जीवन, जीवता और रूप का निश्चय करते हैं। EVS FULL FORM IN HINDI

2. EVS क्या है? (What Is EVS in Hindi?)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पर्यावरण हमारे आसपास का माहौल है जिसके कारण हम अस्तित्व में है। पर्यावरण पेड़ पौधे, पशु पक्षी एवं इस दुनिया की हर प्राणी से मिलकर बना है। पर्यावरण एक ऐसी शैक्षणिक विषय है जिसमें पर्यावरण एवं मनुष्य के बारे में बातचीत की जाती है। EVS यानी कि पर्यावरण विज्ञान एक ऐसा विषय है

जिसमें हम पर्यावरण के बारे में संपूर्ण अध्ययन करते हैं। पर्यावरण से जुड़ी सभी प्रकार के जैविक एवं अजैविक घटकों के बारे में जिस विषय में अध्ययन किया जाता है, वही पर्यावरण विज्ञान कहलाता है। प्राथमिक विद्यालय से लेकर बड़े-बड़े विश्वविद्यालय तक के कक्षा सिलेबस के माध्यम से छात्र-छात्राओं को पर्यावरण विषय से अवगत करवाया जाता है जिससे वह पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सके और आने वाले भविष्य अथवा पीढ़ी को सुरक्षित रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

3. EVS के अंतर्गत पढ़ाए जाने वाले विषय कौन कौन से हैं? (What are the subjects taught under EVS in Hindi?)

पर्यावरण कि जैविक संघटको में सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवाणु और कीड़े-मकोड़े से लेकर पेड़-पौधे तथा सभी जीव-जंतु आते है तथा इनसे जुड़े हुए जैविक क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी आते हैं। अजैविक संघटको में ऐसे तत्व और उनके प्रक्रियाएं आते हैं, जिसमें जीवन नहीं होते हैं। जैसे- चट्टान, पर्वत, हवा, नदी और जलवायु इत्यादि। पर्यावरण में हमें सामाजिक मुद्दे,समस्याएं संघृत विकास के विषय में हमें पढ़ाया जाता है।

1990 के दशक में देखा जाने लगा कि पर्यावरण संसाधनों का अतिदोहन अविवेकपूर्ण तरीकों से पर्यावरण का प्रयोग करने पर हो रहा है और पर्यावरणीय ह्रास तथा अस्थिरता हो रही है। यह ज्यादातर विकासशील देशों में देखा गया है। पोषणीयता या संघृतता (Sustainability) पर्यावरणीय संसाधनों में मानवीय उपयोग तथा पर्यावरणीय तंत्रों में हस्तक्षेप करने के कारण इसकी निर्मित क्षमता विकृत हो जाती है। जो इसे असंघृत (Unsustainable) बना देती है। भावी पीढ़ी की निजी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए क्षमता में ह्रास किए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करनी ही संघृत विकास है।

4. EVS में पर्यावरण की भूमिका का उल्लेख (The role of environment in EVS in Hindi)

पृथ्वी पर्यावरण का एक हिस्सा है। विश्व में पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में है । इसी कारण 22 अप्रैल को पर्यावरण चेतना को जागृत करने के लिए पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस की शुरुआत 1970 ईसवी में की गई थी। वर्तमान समय में बढ़ता प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण आपदाएं बहुत बढ़ रही है और यह ऐसा ही चलता रहा तो, वह दिन दूर नहीं जब जीव-जंतु और वनस्पतियों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

पृथ्वी का प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए पर्यावरण संरक्षण की ओर एक कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में पर्यावरण की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है। पृथ्वी की बढ़ती जनसंख्या लगभग 8000 अरब के आसपास पहुंच चुकी है। यह बढ़ती जनसंख्या संसाधनों के लिए चुनौती बनती जा रही है। बढ़ती जनसंख्या के आवश्यकताओं की पूर्ति के कारण पर्यावरण की शोषण की सीमा आज अंतिम चरण तक पहुंच गई है।

EVS के अंतर्गत पर्यावरण संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करवाया जाता है। आइए जानते हैं कि पर्यावरण अर्थात पृथ्वी को बचाने के लिए हमें जिन मुख्यतः तीन बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, कौन-कौन से हैं। पर्यावरण विज्ञान अर्थात EVS में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है –

• जल हमें पृथ्वी से प्राप्त होता है। जल प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता और मात्रा पर भी हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी है।

•  अन्न की प्राप्ति हम पृथ्वी से ही करते हैं, हमें खाद्य सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए। जिस रफ्तार से पृथ्वी पर जनसंख्या बढ़ती जा रही है यदि ऐसा ही रहा तो पृथ्वी पर निःसंदेह दबाव बढ़ता चला जाएगा। मौजूद लोगों को तभी खाद्यान्न प्राप्त होगी जब पृथ्वी बची रहेगी। इसलिए हमें इन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

•  जलवायु परिवर्तन के बारीकी को केवल वैज्ञानिकों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। ऐसे हम आम लोगों को भी समझना चाहिए।

पर्यावरण अध्ययन में करियर विकल्प

पर्यावरण आज के समय में एक बहुत ही अहम मुद्दा है. इसलिए आपको बहुत सारे क्षेत्र में इससे जुड़े कई नौकरियां उपलब्ध है.

  • पर्यावरण वैज्ञानिक
  • पर्यावरण सलाहकार
  • वन्यजीव या पर्यावरण फोटोग्राफर
  • व्याख्याताLecturer
  • वन्यजीव फिल्म निर्माता
  • पर्यावरण पत्रकार
  • अपशिष्ट प्रबंधन निदेशक

Conclusion

तो दोस्तों, आपको  के बारे में जानकारी हिंदी में। अच्छी लगी होगी हमे उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़ कर आप EVS full form In Hindi ( EVS मीनिंग इन हिंदी) समझ गए होंगें और अब अगर आपसे कोई पूछेगा कि  EVS का मतलब क्या होता है? तो अब आप उसे EVS मीनिंग इन हिंदी बता सकेंगे।

अगर आपको हमारा ये  EVS Information In Hindi पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर Share कीजिए और अगर आपके पास हमारे लिए कोई सवाल हो, तो उसे Comment में लिख कर हमें बताए।

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